सफ़र है धूप का इसमें क़याम थोड़ी है…
सफ़र है धूप का इसमें क़याम थोड़ी है बला है इश्क़, ये बच्चो का काम थोड़ी है, किसी को वस्ल है …
सफ़र है धूप का इसमें क़याम थोड़ी है बला है इश्क़, ये बच्चो का काम थोड़ी है, किसी को वस्ल है …
हर एक ख़्वाब की ताबीर थोड़ी होती है मोहब्बतों की ये तक़दीर थोड़ी होती है, कभी कभी तो जुदा बेसबब भी …
तमन्ना दिल में फिर से जगाने की कोशिश ना कर ऐ संगदिल तू फिर याद आने की कोशिश ना कर, मैं …
मैं रोता हूँ मेरे रोने को सब नकली समझते है संसद के घड़ियालो को सब मछली समझते है, मची है लूट …
ये जो रुतबा रुआब वाले है ज़ुल्म ये मुर्गा शराब वाले है, भूख की इनसे बात मत करना ये तो काजू …
आज तुमसे मिल के इनका मतलब समझ आया वरना इश्क़, मुहब्बत फ़क़त अल्फाज़ थे हमारे लिए, तुमसे जो नज़र मिल कर …
दुआ में हाथ जब मेरे उठे, परवान लगते है ये पत्थर भी न जाने क्यूँ मुझे इन्सान लगते है, कही कोई …
क़ुदरत का ये करिश्मा भी क्या बेमिसाल है चेहरे सफ़ेद और काले, लहू सबका लाल है, हिन्दू यहाँ है कोई, मुसलमान …
जब तलक लगती नहीं है बोलियाँ मेरे पिता तब तलक उठती नहीं हैं डोलियाँ मेरे पिता, आज भी पगड़ी मिलेगी बेकसों …
सता ले हमको दिलचस्पी जो है उनकी सताने में हमारा क्या वो हो जाएँगे रुस्वा ख़ुद ज़माने में, लड़ाएगी मेरी तदबीर …